तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं.... तुम्हारी तस्वीर लेक़र यूं ही हमेशा देख़ा क़रता हूं मैं.. क्या क़रू मैं..इतनी खूबसूरत ज़ो हो तुम... ज़न्नत से आईं कोईं परी हो तुम...!!!तुम्हारीं ये नशीलीं आँखे... और उनमें वो ग़हरे काज़ल.. उन्हें और भी खूब़सूरत ब़नाती हैं.. उनमें और भी नशा ज़गाती हैं..!!तुम्हारे ये प्यारें होंठ... और उनमें वो गुलाब़ी रंग.... छ़ूने को मन क़रता हैं.. उनसें बाते क़रने को दिल क़रता हैं..तुम्हारीं ये घनी घनी ज़ुलफे...और उनमें वो रेशम सा रंग़...
?devar?ji
Удалить комментарий
Вы уверены, что хотите удалить этот комментарий?
Devar Ji
Удалить комментарий
Вы уверены, что хотите удалить этот комментарий?