Now a days people are desperate to hv someone who can enlighten their ****den, but those people dont want to engage themselves in reality.
Such people (mostly females) are mostly proxy identity or suffering from complex mental disease, they are sick and they want to be cured but they wont come forward.
आजकल लोग किसी ऐसे व्यक्ति से मिलने के लिए बेताब हैं जो उनके बोझ को समझ सके, लेकिन वे लोग खुद को वास्तविकता में शामिल नहीं करना चाहते हैं।
ऐसे लोग (ज्यादातर महिलाएं) ज्यादातर छद्म पहचान वाले या जटिल मानसिक रोग से पीड़ित होते हैं, वे बीमार होते हैं और ठीक होना चाहते हैं लेकिन आगे नहीं आते।
Looking for a tigress
Sherni ki talash me
arushi Jain
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